नई दिल्ली. नेशनल बेस्ट सेलर किताब द ‘मेकिंग ऑफ हीरो के हिंदी संस्करण का लॉन्च झीलों के शहर भोपाल में 25 मार्च होगा। यह मुंजाल भाइयों की कहानी है, जो पाकिस्तान के कमालिया और क्वेटा से शुरू होकर लुधियाना तक आती है. यह भारत के विकास के साथ-साथ चलने वाली कहानी है. यह भारत की आजादी के पहले और उसके बाद के दशकों में भारत के बनने की कहानी है, जो नई सहस्राब्दी तक चली आई है. किताब के कई अध्यायों में मुंजाल भाइयों की उन तमाम कोशिशों को दिखाया गया है, जिनसे वे अपने परिवार को मजबूती देते हैं और फिर एक टिकाऊ बिजनेस खड़ा करते हैं. इनमें यह भी बता गया है कि उन्होंने जो नींव रखी वह कैसे एक विश्वस्तरीय कारोबारी संगठन बनाने में मददगार साबित हुई.
हीरो इंटरप्राइज के चेयरमैन सुनील कांत मुंजाल ने कहा, “ अंग्रेजी संस्करण के प्रकाशन के बाद हमें देश के विभिन्न हिस्सों से ‘हीरो की कहानी’ को बड़े पाठक वर्ग तक पहुंचाने की मांग मिलने लगी थी. हम चाहते थे कि आत्मनिर्भर भारत के इस अनुभव को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाया जाए. जो सरल भाषा में लिखी गई हो और आसानी से समझ में आने वाली भी हो तथा जिसमें भाषा अड़चन न बने. यह मुश्किल वक्त में भारतीय उद्यमिता के उभरने की कहानी है. इसमें उन हालातों की चर्चा की गई है, जिन्हें मेरे पिता और चाचा ने जिया था. इसमें ये बताया गया है उन हालातों में कैसे उन्होंने हीरो की नींव रखी. हम सिर्फ ज्यादा से ज्यादा लोगों तक इस कहानी की पहुंचाना चाहते थे ताकि यह कहानी उन्हें सफलता हासिल करने और एक बेहतर जीवनशैली बनाने के लिए प्रेरित कर सके . ”
मंजुल पब्लिशिंग हाउस के मैनेजिंग डायरेक्टर विकास रखेजा ने कहा, “ हमें इस अद्भुत कहानी का हिंदी संस्करण लाकर बड़ी खुशी महसूस हो रही है. यह बेहद प्रेरित करने वाली कहानी है. इसमें वक्त की कसौटी पर खरी उतरने वाली मेहनत, संबंध बनाने की दक्षता, ईमानदारी और विश्वसनीयता जैसे मानवीय गुणों की कई कहानियां भरी पड़ी हैं. किताब न सिर्फ हीरो की यात्रा के बारे में बताती है बल्कि उन तमाम दौर की कहानी भी बयां करती है, जिससे यह देश गुजरा है. ” हीरो की कहानी 1950 में शुरू हुई थी. उस वक्त कंपनी साइकिल के पार्ट्स बनाती थी और इनकी बिक्री करती थी. बाद के दशकों में इसके संस्थापकों ने साइकिल, मोपेड, ऑटोमेटिव पार्ट्स, मोटरसाइकिल और स्कूटर में डाइवर्सिफाई किया. और आज यह रीस्ट्रक्चर्ड ग्रुप सर्विस बिजनेस और इन्फ्रास्ट्रक्चर में भी उतर चुका है. अपनी स्थापना के 30 बाद यानी 1986 में हीरो साइकिल दुनिया की सबसे बड़ी साइकिल निर्माता कंपनी बन गई. अगले 15 साल तक कंपनी का मोटरसाइकिल वेंचर हीरो होंडा दुनिया का सबसे बड़ा मोटरसाइकिल वेंचर बना रहा. आज भी हीरो ग्रुप इन दोनों सेगमेंट में वर्ल्ड लीडर बना हुआ है.
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