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बंद होने जा रही कंपनी को आसमान पर पहुंचाने वाले ‘लाल’ पर आयशर मोटर्स के शेयरधारकों को भरोसा नहीं, छोड़ना होगा एमडी पद

रॉयल एनफील्ड नाम से दमदार बाइक बनाने वाली कंपनी आयशर मोटर्स के शेयरधारकों ने प्रबंध निदेशक (एमडी) सिद्धार्थ लाल को तगड़ा झटका दिया है। उन्हें एमडी पर छोड़ना होगा। हाल में आयोजित वार्षिक आम बैठक (एजीएम) में सिद्धार्थ लाल को कंपनी के प्रबंध निदेशक के रूप में पांच साल की अवधि के लिए फिर से नियुक्त करने के प्रस्ताव को खारिज कर दिया। यह नियुक्ति इस साल एक मई से प्रभावी होनी थी। शेयरधारकों ने इस सप्ताह की शुरूआत में हुई कंपनी की 39वीं एजीएम में लाल का मानदेय बढ़ाने के प्रस्ताव को भी खारिज कर दिया।

सिर्फ 2 फीसदी कम वोट से छोड़ना पड़ेगा एमडी पद

सिद्धार्थ लाल को दोबारा नियुक्त करने के पक्ष में 73 प्रतिशत मत पड़े। जबकि फिर नियुक्त किये जाने के खिलाफ 27 प्रतिशत मत आए। आपको बता दें कि यह विशेष प्रस्ताव था जिसे पारित करने के लिए डाले गये मतों में से 75 प्रतिशत मतों को पक्ष में होने की आवश्यकता होती है। यहां पक्ष में केवल 73 प्रतिशत मत ही आये थे। ऐसी स्थिति में लाल को एमडी का पद छोड़ना होगा।

इन शेयरधारकों ने लाल का किया विरोध

कंपनी के सार्वजनिक संस्थागत शेयरधारकों ने विशेष रूप से लाल का पुनर्नियुक्ति का विरोध किया है। सार्वजनिक संस्थागत शेयरधारक आमतौर पर बड़े निवेशक होते हैं और ज्यादातर मामलों में इनमें कंपनियां शामिल होती हैं। आयशर मोटर्स ने शेयर बाजार को भेजी सूचना में कहा कि यह विशेष प्रस्ताव अपेक्षित बहुमत के साथ पारित नहीं हो पाया। हालांकि, इस बीच कंपनी के बोर्ड में निदेशक के रूप में लाल की फिर से नियुक्ति की मांग करने वाले एक सामान्य प्रस्ताव को शेयरधारकों ने मंजूरी दे दी है। इस प्रस्ताव के पक्ष में करीब 86 प्रतिशत मत पड़े।

कभी बंद होने जा रही कंपनी के शेयर आसमान पर पहुंचाया

सिद्धार्थ लाल को शेयरधारकों से झटका जरूर लगा है। लेकिन लाल के लिए चुनौतियां नई नहीं हैं। उन्हें जोखिम लेने और चुनौती को अवसर में बदलने का हूनर आता है। आज से करीब दो दशक पहले आयसर मोटर्स रॉयल एनफील्ड को बंद करने का फैसला लगभग कर चुकी थी। उसका यह कारोबार घाटे में जा रहा था। तब युवा सिद्धार्थ लाल ने एक मौका देने को कहा और देखते ही देखते रॉयल एनफील्ड न केवल युवाओं की पसंद बन गई बल्कि कंपनी के शेयर भी रोज नई ऊंचाई छुने लगे। केवल पिछले 10 साल में इसके शेयर 20 गुना बढ़े हैं। आयशर मोटर्स में जिन लोगों ने 10 साल पहले इस कंपनी के शेयर में 1 लाख रुपये निवेश किया होगा आज उनकी कीमत 20 लाख रुपये हो गई है। आयशर मोटर्स के शेयर उन 25 कंपनियों में शामिल है जिन्होंने 25 साल में अपने निवेशक को मालामाल किया है.।आपको बता दें आयशर मोटर्स का 1995 में मार्केट कैप यानी बाजार पूंजीकरण महज 100 करोड़ रुपये था जो 2021 में बढ़कर 70 हजार करोड़ रुपये के पार हो गया है।