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प्रधानमंत्री ने ओलंपिक में भाग लेने जा रहे खिलाड़ियों का बढ़ाया हौसला

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 23 जुलाई से शुरू हो रहे टोक्यो ओलंपिक  में भाग लेने के लिए जा रहे भारतीय खिलाड़ियों का हौसला बढ़ाने के लिए उनसे वर्चुअल बातचीत की। इस दौरान प्रधानमंत्री ने खिलाड़ियों के जीवन के कई यादगार प्रसंगों का जिक्र किया। मोदी ने संघर्षों से सफलता की राह तय करने वाले भारतीय खिलाड़ियों की सराहना करते हुए कहा कि उन्हें टोक्यो में उम्मीदों के बोझ तले नहीं दबना है बल्कि अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन का लक्ष्य रखना है। उन्होंने कहा कि अपना शत प्रतिशत देना है और पूरे देश की शुभकामनाएं आपके साथ है। मुझे यकीन है कि आप टोक्यो में देश का गौरव बढ़ाएंगे।

जीतना ही न्यू इंडिया की आदत बन जाएगी

प्रधानमंत्री ने कहा आप सभी बोल्ड, कांफिडेंट और पॉजिटिव हैं। आपमें डिसिप्लिन, डेडिकेशन और डिटरमिनेशन है। यही खूबी नए भारत की भी है और आप सभी उसके प्रतीक हैं। प्रधानमंत्री ने खिलाड़ियों से कहा कि आपकी ऊर्जा को देखकर कोई संदेह नहीं कि वह दिन दूर नहीं जब जीतना ही न्यू इंडिया की आदत बन जाएगी। अभी तो ये शुरुआत है। आप देश के लिए पसीना बहाते हैं और देश का झंडा लेकर जाते हैं तो यह देश का दायित्व है कि आपके साथ डटकर खड़ा रहे।

इन खिलाड़ियों से की बात

टोक्यो ओलंपिक खेलने जा रहे जिन भारतीय खिलाड़ियों से प्रधानमंत्री ने बात की उनमें पी वी सिंधु (बैडमिंटन), सानिया मिर्जा (टेनिस), एम सी मैरीकॉम (मुक्केबाजी), सौरभ चौधरी, इलावेनिल वालारिवान (निशानेबाजी), दुति चंद (एथलेटिक्स), मनप्रीत सिंह (हॉकी), विनेश फोगाट (कुश्ती), साजन प्रकाश (तैराकी), दीपिका कुमारी, प्रवीण जाधव (तीरंदाजी), मनिका बत्रा और अचंता शरत कमल (टेबल टेनिस), आशीष कुमार (मुक्केबाजी), और नीरज चोपड़ा (भालाफेंक) शामिल हैं।

आम खाने का शौक रखने वाली इस खिलाड़ी से मोदी ने पूछी यह बात

दुनिया की नंबर एक तीरंदाज और पेरिस में विश्व कप में गोल्ड मेडल जीतने वाली दीपिका कुमारी से प्रधानमंत्री ने पूछा कि वह उम्मीदों के दबाव और अपने प्रदर्शन के बीच संतुलन कैसे बनाती है तो  दीपिका ने कहा कि वह पूरा फोकस प्रदर्शन पर रखती है। प्रधानमंत्री ने बड़े ही रोचक अंदाज में कहा कि आम खाने के अपने शौक के कारण आप तीरंदाज बनी और पेरिस में विश्व कप में स्वर्ण पदक के साथ दुनिया की नंबर एक तीरंदाज भी बन गईं। इस तरह आपकी यह यात्रा आम से शुरू होकर खास बन गई।