मंत्रिमंडल विस्तार का बेसब्री से इंतजार कर रहे नेताओं की उम्मीदें अब धुंधली पड़ने लगी हैं। विधानसभा चुनाव में महज करीब छह माह बचे हैं। इसके बावजूद बीजेपी के पड़े पदाधिकारियों और दिल्ली में शीर्ष नेतृत्व के साथ दो बार की बैठक के बाद भी मंत्रिमंडल विस्तार पर अभी तक कुछ स्पष्ट नहीं हो पाया है। संगठन के कुछ वरिष्ठ पदाधिकारियों का कहना है कि अब उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव बहुत नजदीक हैं। इसलिए किसी भी तरीके का फेरबदल करने की फिलहाल कोई आवश्यकता नहीं है।
विरोध बढ़ने की सता रही आशंका
बीते कुछ महीने से लगातार उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल में फेरबदल को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं। कई बार इस पर आलाकमान से लेकर प्रदेश स्तर के नेता और प्रभारियों के साथ बैठक भी हो चुकी है। सूत्रों का कहना है मंत्रिमंडल का विस्तार तो पिछले महीने ही हो जाना था, लेकिन कुछ विशेष कारणों और अंदरूनी मामलों की वजह से फेरबदल टल गया। जुलाई के पहले सप्ताह में दिल्ली में हुई बैठक के बाद दो बार और इसी मसले पर बैठक कर हो चुकी है। लेकिन मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर कोई अंतिम फैसला नहीं हो पाया है। सूत्रों का कहना है बैठक में शामिल नेताओं ने इस बात पर जोर दिया कि अब जो मंत्री या विधायक हैं उनको अपने अपने क्षेत्रों में जाकर और ज्यादा जोर से तैयारियों में लग जाना चाहिए। पार्टी के पदाधिकारियों का कहना है अचानक मंत्रिमंडल में किए जाने वाले फेरबदल से कई तरीके की विपरीत परिस्थितियां भी पैदा हो सकती हैं।